साझेदारी खाते साझेदार का अवकाश ग्रहण व मृत्यु फास्ट ट्रैक रिवीज़न।

साझेदार का अवकाश



 यदि कोई साझेदार फर्म से पृथक हो जाता है, तो ऐसी स्थिति को साझेदार द्वारा अवकाश ग्रहण या साझेदार की निवृत्ति (Retirement of Farmers साझेदारी कहते हैं  ऐसी दशा में साझेदारी स्वतः   समाप्त हो जाती है, परन्तु साझेदारी फर्म का समापन नहीं होता है।



 भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 की धारा 32 (1)

के अनुसार, एक साझेदार फर्म से पृथक् हो सकता है

1. पारस्परिक सहमति द्वारा,

 2 साझेदारों के समझौते द्वारा एवं

3. फर्म को अवकाश ग्रहण की सूचना देकर (ऐच्छिक साझेदारी की स्थिति में)। ऐसी स्थिति में साझेदारी समाप्त हो जाती है, परन्तु साझेदारी फर्म का समापन नहीं होता है।



अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार को देय राशि की गणना निवृत्त साझेदार को देय राशि की गणना_:



 निवृत्त साझेदार को देय राशि की गणना हेतु उसका पूँजी खाता बनाया जाता है।



निवृत्त साझेदार के पूँजी खाते का प्रारूप



Retiring Partner's Capital A/C Particulars

Amt (3) Particulars

Amt) To Revaluation Ale (Share in loss)






Particulars
Amt(s)
Particulars By Interest on Capital Ale
(Due till the date of his retirement) By Salary/Commission Ale
(Due till the date of his retirement)
Dr
नोट
१  सम्पत्तियो पदायित्वों के पुनर्मूल्यांकन हेत पनर्मल्यांकन खाता उसी प्रकार बनाया जाता है, जैसे कि साझेदार के प्रवेश के समय बनाते है।

२ अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार के हिस्से की ख्याति शेष साझेदार उनके लाभ-प्राप्ति के अनुपात में वहन करते है। इसकी समायोजन प्रविष्टि निम्न है_

Continuing Partner's Capital A/C          ....                       Dr

Dr To Retiring Partner's Capital A/C

लाभ-प्राप्ति अनुपात (Gaining Ratio) = नया अनुपात-पुराना अनुपात
यदि  जीवन बामा पालिसी सभी साझेदारी के जीवन पर ली गई तो निवत्ति के दिन पॉलिसी के समर्पण मल्य की राशि सभी साझेदारी में उनके पुराने लाम-विभाजन अनपातम वितरित कर दी जाएगी।
 इसके लिए निम्न प्रविष्टि की जाएगी

 Joint Lite Policy Alc     ...... Dr

                    To All Partner's Capital A/C
 ४ अवितरित लाम अथवा हानि का बँटवारा सभी साझेदारों के मध्य पुराने अनुपात में किया जाता है।

 अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार को देय राशि का भुगतान
 अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार को देय राशि का भुगतान निम्न विधियों से किया सकता है ।
एकमुश्त भुगतान

 जब अवकाश प्राप्त साझेदार को सम्पूर्ण देय राशि का एकमुश्त भुगतान किया जाता है.
 तो इसके लिए निम्नलिखित प्रविष्टि की जाती है_

 Retiring Partner's Capital A/C      ..... Dr
          To Cash/ Bank A/C

किसी साझेदार के अवकाश ग्रहण करने के पश्चात शेष बचे साझेदार फर्म का कुल पॅजी को किसी निर्धारित अनुपात में समायोजित कर सकते हैं।  समायोजन के पश्चातयदि किसी साझेदार का पंजी शेष समायोजित राशि से कम है. तो यह पूजी खाते की कमी दिखाता है और यदि अधिक है, तो पूजी खाते का आधिक्य दिखाता है।

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