जाने भारत के जीत का रहस्य जान के आप भी हो जायेंगे हैरान।  

भारत जब 250 रन का लक्ष्य देकर बोलिंग कर रही थी , तो अन्त के 18 गेंदों में मात्र 22 रन की जरुरत थी तभी 48 वा ओवर बुमराह  लेकर आये और पहली गेंद बीट कर दिया और शेष 5 गेंदों में 7 रन दे दिये तब ऐसा  लग रहा था की अब मैच हाथ से चला जायेगा तभी धोनी ने अपना चक्रविव रचा और शमी अहमद  के हाथो में थमा दिया और शमी अहमद  ने आपने काम बा खूबी निभाया और पहली गेंद डॉट करा दिया।  और बिपक्षी टीम की सांसे रुक गयी फिर शमी अहमद ने दूसरी गेंद डाली और दो रन चला गया और इसी प्रकार शमी अहमद ने कुल 7 रन लुटा दिए।  अब six गेंदों में केवल 11 रन की जरुरत थी।  पूरा भारत सोंच रहा था की स्टोनिस 6 गेंदों में 11 रन मर देंगे।





धोनी ने फिर से अपना पूरा चक्रविव रचा और गेंद विजय शंकर के हाथो में थमा दिया इस निर्णय ने सभी को डी=]हिला कर रख दिया और पूरा भारत सोंच रहा था की शंकर 6 पर 11 रन आ आसानी से दे देंगे लेकिन धोनी द्वारा दिया गया जिम्मेदारी को शंकर ने बखूबी निभाने का हिम्मत इक्कठा किया और सोंच रहे थे की मुझे धोनी ने गेंद दिया है तो अजीब ही होगा और शंकर ने पहली गेंद अपर ही स्टोनिस को एलपीडब्लू आउट कर दिया और भारत की जीत का रास्ता आसान कर दिया सारा भारत धोनी के फैसले का वाहवाही करने लगा।  तभी शंकर अपनी दूसरी गेंद डाले और जाम्पा को भी आउट कर दिया।  शंकर दौड़ते दौड़ते धोनी के पास गये और धोनी ने उनकी हौसला बढ़ाया। 


धोनी के इस फैसले ने पूरे दुनिया को बता दिया की यदि कोई फैसला धोनी और वह गलत हो ही नहीं सकता है
इस प्रकार टीम इंडिया ने यह मैच 8 रनो से अपने नाम कर लिया।  

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